‘भिक्षा -पात्र तो भर जाते है ‘ , ‘ इच्छा-पात्र ‘ सदा अध-भरे देखे ‘,
‘जब ‘संतोष-धन ‘ से मिल लोगे ‘, ‘तुमसे धनी ‘ ‘ कोई नहीं होगा ‘ |
‘भिक्षा -पात्र तो भर जाते है ‘ , ‘ इच्छा-पात्र ‘ सदा अध-भरे देखे ‘,
‘जब ‘संतोष-धन ‘ से मिल लोगे ‘, ‘तुमसे धनी ‘ ‘ कोई नहीं होगा ‘ |
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