‘कोई हिन्दू’ , ‘मुसलमान’ तो कोई ‘ईसाई”कहलाना पसंद करते है’ ,
‘कोई इनसे क्यों नहीं पूछता’ ,’इंसान कहलाना’ ‘क्यों नहीं चाहते सभी’ ?
‘अब विचार करने का है’,’अच्छाई किसी के जीवन मे”आई भी है या नहीं’ ,
‘मूल यही है’ ,कांटे बो कर फूल ढूँढना’ , ‘सबसे भयंकर भूल है सबकी’ |