‘शब्द”बेहद निर्दयी’,’कटु ‘,’कठोर’ हों तो ‘बुरे से बुरा’ ‘प्रभाव डाल सकते हैं’ ,
‘यदि शब्द’ ‘नम्र’, ‘प्रिय’,’विनोदी’ हैं तो ‘घाव पर मरहम’ का ‘काम करते हैं’ ,
‘तीखे शब्द’ ‘मर्यान्तक पीड़ा देते हैं ‘, तो ‘दिल में प्रेम धारा भी बहाते हैं ‘ ,
‘रूप’ ‘सब में अच्छा-बुरा होता है’,और ‘वही हमारे व्यक्तित्व का स्वरूप है ‘ |