*? बहुत ही अच्छी और सच्ची बात*
✍?
?
परेड में *पीछे मुड़* बोलते ही
*पहला आदमी, आखरी*
और
*आखरी आदमी, पहले*
नंबर पर आ जाता है।
जीवन में कभी
*आगे होने का घमंड*
और
*आखिरी होने का गम*
न करे,
पता नहीं कब जिंदगी बोल दे
” *पीछे मुड़* ”
*? बहुत ही अच्छी और सच्ची बात*
✍?
?
परेड में *पीछे मुड़* बोलते ही
*पहला आदमी, आखरी*
और
*आखरी आदमी, पहले*
नंबर पर आ जाता है।
जीवन में कभी
*आगे होने का घमंड*
और
*आखिरी होने का गम*
न करे,
पता नहीं कब जिंदगी बोल दे
” *पीछे मुड़* ”
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