“अदभूत हैं लोग जो’ ‘दूसरों की भूल पर क्रोध करते हैं ‘ ,
‘क्योंकि भूल दूसरा करता है ‘ और ‘ दण्ड स्वम को देते हैं ‘,
‘दूसरा आपको गाली दे ‘, ‘क्रोध में आप जलते हैं’ , ‘राख होते हैं’ ,
‘क्यों न’- ‘ संकुचित विचारधारा को त्यागें’, ‘उदार दृष्टिकोण बनाएँ ‘,
‘उदार वृत्ति वाला व्यक्ति ‘ , ‘घटनाओं को कभी दिल से नहीं लगाता ‘,
‘जहां समभाव है वहाँ जीवन है ‘ , ‘जहां आपसी मतभेद है वहीं मृत्यू है’ ,
‘प्रेम सदा विस्तार देता है ‘ और ‘स्वार्थ ‘ ‘मतभेदों को जन्म देता है ‘,
‘आओ आगे बढ़ें’ ,’ प्रेम को अपनाएं ‘ , ‘घ्रणा ‘ को ‘ पनपने न दें कभी ‘ |