
‘आए का सम्मान’ और ‘जाते हुए’ का ‘ सम्मान’ ,
‘पुराने-घरों’ के ‘रीति-रिवाज’ , ‘बुजुर्गों का सम्मान’ ,
‘कम से कम बोलना’ , ‘संभल -संभल’ कर ‘ बोलना’ ,
‘सभी धर्मों’ का ‘सम्मान ‘ ,’ अपने धर्म की रक्षा ‘,
‘संतुलित भोजन’ करना , ‘योग’ का ‘अभ्यास ‘ करना ,
‘सबको’ ‘ गले लगाना’,’ ऊँच-नीच’ का ‘भाव’ ‘मिटाना’ ,
‘भटकों को’ ‘राह दिखाना’ ,’उत्साह ‘ से ‘ हर काम’ करना ,
‘दोस्तों’-‘यही’ ‘हमारी संस्कृति’ है, ‘और कुछ भी नहीं’ |