Home ज़रा सोचो “आँखों के झरोखे से ” छंदों के माध्यम से !

“आँखों के झरोखे से ” छंदों के माध्यम से !

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[1]

‘अपने  दूर – पराये  अपने’ जब  भी  लगते  है ‘,
‘किसी  अप्रिय  घटना  का  संदेश  सुनाते  हैं’,
‘किस  मिट्टी  के  बने  हुए  हम  जीते  रहते  हैं ,
‘अपनेपन  का  लुत्फ  कभी  हम  उठा  नहीं  पाते ‘|

[2]

‘निकृष्ट  हालात  में  भी  हार  न  मानना’ ,
‘गर्व  की  बात  है ‘,
‘ऐसे  नौनिहालों  पर  ही’ ,
‘देश  कुर्बान  रहता  है  सदा ‘|

[3]

‘माया  के  चक्कर  में  जालिम  तू   बिखर  जाएगा ‘,
‘फोन’  से  चिपका  रहा  तो  दुनियांदारी   में  फंसा  रह  जाएगा ‘|

[4

‘ जब  भी  कान्हा  हमने  आपको  भूलने  की  कोशिश  करी  ‘,’ हम  घर  के  रहे  न  घाट  के’ |
‘तेरे  करिश्माई  व्यवहार  ने सबको  घुमा  रक्खा  है, तुझे  याद  किए  बिना  दिन  कटते  नहीं’ |                                                                                                                                                                                                                                                                                      

[5]

‘तुम  बिना  हम  नहीं  और  हम  बिना  तुम  नहीं ‘,’यह  अहसासों  का  खेल  है’, 
‘बिना  इस  अहसास  के  दुनियाँ  जीती  तो  है ‘ , ‘ पर  आनंद  नहीं  उसमें’ |

[6]

‘जब तक आपकी  जरूरत है  तभी तक  कुछ कीमत  समझ अपनी’,
‘ बिना  जरूरत  तो  लोग   कभी  मंदिर  में  भी  नहीं  जाते ‘|

[7]

‘किसी  काम  को ‘असम्भव’ कहने  का  नज़रिया  बदलिए  जनाब ‘,
‘धैर्य  और  सतत  प्रयास ‘, ‘ तुम्हारे  नज़रिये  को  बदल  देंगे ‘|

[8]

‘सभी  को  प्रणाम  कीजिये’ ,
‘परिणाम’  उत्तमता  लिए  होंगे’,
‘टेढ़ी  निगाहों  से  निहारोगे  तो’,
‘सारे  छिटक  जाएंगे  तुझसे ‘|

[9]

‘जितनी  भी  खुशी  मिले’ 
‘लूटते  रहिए  हुज़ूर’ ,
‘खुशबू  मौषम  नहीं  देखती’ ,
‘फैल  जाती  है ‘|

[10]

अपने जीवन में हमेशा ५ अकाउंट जरूर खोलें;-
१.हर दिन  थोडा-थोडा  योगा  अवश्य  करते  रहें /
२.मन  को  सकारात्मक  रखे ,  नकारात्मक  विचारों  को  त्यागे  |
३.अपने  लिए  पिछली  बातों  को  भूल  कर  ,  दूसरों  को  छमा  करे |
४. अपने  जीवन  के  उद्देश्य  को  दोहराते  रहे  , बात  बन  जाएगी |
५. हमेशा  खुद  से  प्यार  करे  तथा  सभी  का  सम्मान  करे  |

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