संतोष से , विनम्रता से और झुक कर , जीवन में सब कुछ मिलता है ,
अभिमान में ,दिखावे में , व्यवहार में -‘उल्टे रहे’ तो लुटिया डूब जाएगी ,
ऊंच- नीच , नफरत की दीवार सिर्फ हमारे मन के विभित्स रूप हैं ,
असीम ताकत अथाह ज्ञान का मालिक ‘रावण’ का जहाज़ भी डूबते देखा |