Home हमारा देश असहिष्णुता का बीज काटो

असहिष्णुता का बीज काटो

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‘देश   सेवा’ का  ऐसा ‘ कल्प   व्रक्ष’  ‘उभार   कर  लाओ’ , ‘देश  वासियों’ ,

‘हर   धर्म’  , ‘हर   भाषा’, ‘सम  भाव   मैं   निवास   करें’   ‘इस   देश   मैं’ ,

‘मेरा   देश   महान   है’ , ‘हर  धर्म’ , भाषा’ , ‘सम्मानित   होती   है   यहाँ ‘,

‘असहिष्णुता  रूपी  बीज’ ‘ काट डालो’ ,’उभरा तो’  ‘विनाश  निश्चित  है ‘|

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