‘देश सेवा’ का ऐसा ‘ कल्प व्रक्ष’ ‘उभार कर लाओ’ , ‘देश वासियों’ ,
‘हर धर्म’ , ‘हर भाषा’, ‘सम भाव मैं निवास करें’ ‘इस देश मैं’ ,
‘मेरा देश महान है’ , ‘हर धर्म’ , भाषा’ , ‘सम्मानित होती है यहाँ ‘,
‘असहिष्णुता रूपी बीज’ ‘ काट डालो’ ,’उभरा तो’ ‘विनाश निश्चित है ‘|