‘शालीनता की सीमा’ ‘ पार करने वाले मज़ाक’, ‘दरार डाल देते हैं’ ,
‘द्रोपड़ी’ ‘,दुर्योधन को“अंधे का पुत्र“‘नहीं कहती’ ‘,महाभारत घटित नहीं होता’ ,
‘मर्यादा न रहे’ तो ‘रिस्तों का अस्तित्व’ ‘ डांवाडोल हो जाएगा’ ,
‘हमारा अशोभनीय व्यवहार’ ‘संवरना चाहिए’‘,रिस्तों का महत्व पहचानो’ |-