‘लोग – अफवाहों की सत्यता पहचानें’ ,’ फिर संतुलित प्रतिक्रिया ही दें’ ,
‘अन्यथा अफवाहें’ -‘समाज में अराजकता फैलाकर’ ‘हड़कंप मचा देंगी’ ,
‘झूठी अफवाहें’ ‘लोगों की जान लेती हैं ‘,’फिरभी सत्यता परखी नहीं होती ‘।
‘भीड़ का अदालत होना”खतरनाक है’,’इसमें हिन्दू/मुसलमान सभी मरते हैं ‘|