
‘अपमान मत कर किसी का’ , ‘वह कर्जा समझ कर’ ‘ झेल जाता है’ ,
‘मौका मिलते ही’ ‘वह कर्जदार ‘ , ‘ब्याज समेत उसको उतार देता है ‘ |
‘अपमान मत कर किसी का’ , ‘वह कर्जा समझ कर’ ‘ झेल जाता है’ ,
‘मौका मिलते ही’ ‘वह कर्जदार ‘ , ‘ब्याज समेत उसको उतार देता है ‘ |
‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धक…
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