[1]
‘अनेकों व्याधियाँ तुम्हारे पास थी’ ,
‘तुम मुस्कराते हुए ही मिले फिर भी ‘,
‘तेरी अनमोल ताकत का अहसास’,
‘मुझे दिल से निहाल कर गया ‘|
[2]
‘हर काम में आलस’ और ‘हर बात में लालच ‘ हमें ओछा बनाता है ‘,
‘बिगड़ी बात बनाने की हिम्मत दिखाई तो”इंसानियत जाग गयी समझो ‘|
‘बिगड़ी बात बनाने की हिम्मत दिखाई तो”इंसानियत जाग गयी समझो ‘|
[3]
‘शिष्टाचार’से इंसान के गु णों,शिक्षा,रुचि और सभ्यता का पता चलता है’,
‘ आपकी मस्ती भरी मुस्कान ‘ व ‘ प्रेम का आचरण ‘ अनुकरणीय है ‘|
‘ आपकी मस्ती भरी मुस्कान ‘ व ‘ प्रेम का आचरण ‘ अनुकरणीय है ‘|
[4]
‘विद्या-ग्रहण, सत्य-ग्रहण व असत्य का परित्याग’ ‘शिष्टाचार है ‘,
‘जिसमें ईर्ष्या , अभिमान , लालच और क्रोध नहीं ‘ ‘वही शिष्ट है ‘|
‘जिसमें ईर्ष्या , अभिमान , लालच और क्रोध नहीं ‘ ‘वही शिष्ट है ‘|
[5]
‘जीवन सादा रहेगा तो तनाव भी आधा रहेगा ‘,
‘गुलछर्रे उडाता रहा तो लहूलुहान हो कर ही रहेगा ‘|
‘गुलछर्रे उडाता रहा तो लहूलुहान हो कर ही रहेगा ‘|
[6]
‘जब भी कुछ गलत घटता है’,
‘और सही आदमी चुप रहता है ‘,
‘गलत को सही साबित करने का’ ,
‘उसे आधा मिल गया समझो ‘|
‘और सही आदमी चुप रहता है ‘,
‘गलत को सही साबित करने का’ ,
‘उसे आधा मिल गया समझो ‘|
[7]
‘जो सब कुछ खो कर भी मुस्कराता है’ ,
‘उसको नमन ‘,
‘कुछ पा कर तो सभी मुस्कराते हैं ‘,
‘कोई खास बात नहीं है ‘|
‘उसको नमन ‘,
‘कुछ पा कर तो सभी मुस्कराते हैं ‘,
‘कोई खास बात नहीं है ‘|
[8]
‘ज्यादा समझदार हो’, थोड़ी परेशानी में देख मुझसे कतरा गए ‘,
‘सामान्य मित्र भी तुमसे अच्छे हैं ‘,’अफसोस तो जाहिर करते हैं ‘|
‘सामान्य मित्र भी तुमसे अच्छे हैं ‘,’अफसोस तो जाहिर करते हैं ‘|
[9 ]
‘इंसान कभी गलत नहीं होता ‘,
‘उसका दृष्टिकोण अलग होता है ‘,
‘किसी बात से विभिन्न देखते ही हम’ ,
‘गलत दृष्टिकोण बना लेते हैं ‘|
‘उसका दृष्टिकोण अलग होता है ‘,
‘किसी बात से विभिन्न देखते ही हम’ ,
‘गलत दृष्टिकोण बना लेते हैं ‘|
[10]
‘शांति चाहते हो तो प हले अपनी ‘इच्छाओं’को शान्त करो ‘,
‘कर्मभूमि के कर्णधार बनो ‘,’भावनाओं से वशीभूत मत रहो ‘|
‘कर्मभूमि के कर्णधार बनो ‘,’भावनाओं से वशीभूत मत रहो ‘|