Home ज़रा सोचो ‘अटूट विश्वास, सच्ची सेवा और उसकी रज़ा में हमारी रज़ा भी होनी चाहिए ‘| मन-मंथन !

‘अटूट विश्वास, सच्ची सेवा और उसकी रज़ा में हमारी रज़ा भी होनी चाहिए ‘| मन-मंथन !

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विश्वास   की   डगर   मजबूत   होनी   चाहिए  | ” वो  ” हर   जीव   का  खुद   ध्यान   रखता   है   |

🌹🙏🏽परमात्मा   वो   है   जो   50   टन   की   व्हेल   मछली   को   भी   रोज़ाना  समन्दर   में   पेट   भर   खाना   खिलाता   है  ।   तो   फिर   हम   सिर्फ                 2   रोटी   के   लिए   इतना   परेशान   क्यों   होते   है   !   जो   नसीब   में   है   वो   चल   कर   आयेगा   जो   नही   है   वो   आकर   भी   चला   जायेगा |   

     जिंदगी   को   इतना   सिरियस   लेने   की   जरूरत   नही   यारो    |   यहाँ   से   जिंदा   बच   कर   कोई   नही   जायेगा | एक   सच  ये  है   की   अगर            जिंदगी   इतनी   अच्छी   होती   तो   हम   दुनिया   में   रोते-रोते   नही   आते   लेकिन   एक   मीठा   सच   ये   भी   है    कें   अगर   ये   जिंदगी   बुरी                 होती   तो   हम   जाते-जाते   इतने   लोगो   को   रुला   कर   ना   जाते  |  जी  ले  आज   कल  किसने   देखा   है*

* *सुख – दुख*
*🌹🙏🏽हम   होते   ही   कौन   हैं   मालिक   के   काम   में   दखल -अंदाज़ी   करने   वाले  |  जो   कुछ   हो   रहा   है   उसकी   मर्ज़ी   से   ही   तो   हो   रहा                   है   इसलिये   कभी   जीवन   में   दुःख   भी   आ   जायें   तो   चिन्ता   नहीं   करनी   चाहिये   क्योंकि  ‘ उसकी   गत   वो   ही   जाने   और  न   जाने  कौन ‘            से   कर्म   कटवाने   होंगे  |  कौन  सा   लेन  देन   चुकता   करना   होगा   हमें   क्या   खबर  |

इसलिये   मालिक   की   रज़ा   में   राज़ी   रहने   में   ही  समझदारी   है   मालिक   की   रज़ा   में   रहना   सीखें   और   बाकी   सब   कुछ   मालिक   पर   छोड़   दें   विश्वास   रखें   बस   अपने   विश्वास   को   डगमगाने  बिल्कुल   ना   दें   फिर   देखें   कि   कैसे   हमें   मालिक   इन   दुःखों   को   सहन   करने   शक्ति   बख्शते   हैं 

 सहन  शक्ति   तो   क्या   मालिक   इन   दुःखों   को  कैसे  पहाड़   से   राई   में   तब्दील   कर   देते   हैं   हमें   पता   तक   नहीं   चलता  |  बस   जरूरत   है   अटूट   विश्वास   और   सच्ची   सेवा   की   जिसकी   ओर  तो    हम   लोगों   का   बहुत   कम   ध्यान   जाता   है  |

इसलिये   हम   लोग   ये   प्रण   करें   कि   उठते-बैठते ,  सोते-जागते ,  चलते-फिरते ,  खाते -पीते , काम -काज ,   करते   कभी   भी   कहीं   भी   अपनी   असली   कमाई   यानी   सिमरन   भजन   की   ओर   ध्यान   दें   फिर   देखें   कि   सच्चा   सुख   क्या   होता   है….*

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