Home कविताएं प्रेरणादायक कविता ‘अकेला हूँ या महफिल में’ ,’हर जगह मुस्कराता हूँ ‘ !

‘अकेला हूँ या महफिल में’ ,’हर जगह मुस्कराता हूँ ‘ !

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‘जिंदगी  में  तजुर्बा  करते   करते ‘, ‘बुढ़ापा   आ  गया ‘ ,

‘फेरेब  का  रंग  नहीं  चढ़ा  मुझ  पर’ ,’अज़ब  है दास्तां ‘,

‘अकेला  रहूँ  या  महफिल  में ‘,’हर  जगह  मुस्कराता  हूँ’ ,

‘इससे  अच्छा  क्या  है  जमाने  में  खुदा ‘ !’ तू  ही  बता ‘ ?

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